होलाष्टक का साया! अगले 7 दिन इन राशियों पर आ सकता है संकट, बचने के लिए करें ये उपाय 

होलाष्टक केवल एक ज्योतिषीय अवधि नहीं, बल्कि एक अशुभ चेतावनी है। जब होली का उल्लास नजदीक आता है, तभी यह 8 दिनों की घातक अवधि शुरू हो जाती है, जिसमें शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। क्या आपकी राशि पर भी इसका खतरनाक प्रभाव पड़ने वाला है? आइए जानते हैं!

क्या है होलाष्टक?

हिंदू पंचांग के अनुसार, होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से लेकर होली की पूर्णिमा तक चलता है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण, मुंडन और भूमि पूजन जैसे शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि यह समय नकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है, जिससे कार्यों में बाधा आ सकती है।

धार्मिक रहस्य: हिरण्यकशिपु और प्रह्लाद की कथा

शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक के आठ दिन वही हैं, जब हिरण्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रह्लाद को असहनीय यातनाएँ दी थीं। यह अत्याचार चरम पर था, लेकिन भगवान विष्णु ने इस अधर्म को समाप्त करने के लिए नरसिंह अवतार धारण किया। यही कारण है कि इन दिनों को संघर्ष, पीड़ा और उथल-पुथल से भरा माना जाता है।

ज्योतिषीय दृष्टिकोण: क्यों होता है यह समय अशुभ?

ज्योतिष के अनुसार, होलाष्टक के दौरान सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु ग्रहों की चाल अस्थिर हो जाती है। यह समय कुछ राशियों के लिए बहुत कठिन साबित हो सकता है, क्योंकि इन ग्रहों की स्थिति उनके जीवन में संकट और अनिश्चितता ला सकती है।

किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव?

1. कर्क राशि: आर्थिक संकट और विवादों का संकेत

कर्क राशि के जातकों को इन दिनों विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। धन हानि के प्रबल योग बन रहे हैं, जिससे आर्थिक परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। पारिवारिक कलह और विवाद भी उभर सकते हैं। सोच-समझकर निर्णय लें, अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है।

2. कुंभ राशि: मानसिक तनाव और कानूनी बाधाएँ

कुंभ राशि के जातकों के लिए यह समय अत्यधिक संघर्षपूर्ण हो सकता है। क्रोध पर काबू रखना बेहद जरूरी होगा, क्योंकि छोटी-छोटी बातों से बड़े विवाद जन्म ले सकते हैं। बच्चों की सेहत को लेकर भी चिंता बढ़ सकती है। इस दौरान कानूनी मामलों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर होगा।

होलाष्टक के दौरान क्या न करें?

1. विवाह एवं शुभ संस्कार – इन दिनों शादी, मुंडन, नामकरण आदि नहीं किए जाते।

2. भूमि और संपत्ति का क्रय-विक्रय – कोई भी संपत्ति या वाहन खरीदने से बचें।

3. नया व्यापार या नौकरी परिवर्तन – नई शुरुआत करने के लिए यह समय उचित नहीं है।

4. ग्रह प्रवेश या निर्माण कार्य – नया घर बनाना या उसमें प्रवेश करना अशुभ माना जाता है।

क्या करें इस अवधि में?

1. भगवान विष्णु की आराधना करें – होलाष्टक में विष्णु जी और नरसिंह अवतार की पूजा से शुभ फल मिलता है।

2. दान-पुण्य करें – अन्न, वस्त्र और जरूरतमंदों की सहायता करना लाभकारी रहेगा।

3. हनुमान चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें – नकारात्मक ऊर्जाको दूर करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें।