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देवी – देवता

रामेश्वरम धाम: धर्म, इतिहास और चमत्कारिक रहस्यों का संगम

समुद्र की लहरें शांत थीं। श्रीराम ध्यानमग्न थे। लंका विजय के लिए समुद्र पार करना था, लेकिन इससे पहले उन्हें एक आशीर्वाद चाहिए था—भगवान शिव का। यहीं, इस पवित्र भूमि पर, उन्होंने रेत से शिवलिंग बनाकर पूजा की, और तब से यह स्थान हिंदू धर्म का…

महिला दिवस विशेष :- मातृशक्ति का श्राप! – जब पार्वती के क्रोध से भृंगी हुए अपंग 

स्त्री और पुरुष – यह दो रूप नहीं, बल्कि एक ही अस्तित्व के दो अभिन्न पहलू हैं। भारतीय दर्शन में यह अवधारणा हमेशा से रही है कि शिव और शक्ति अलग नहीं, बल्कि एक ही सत्य के दो पक्ष हैं। फिर भी, समाज में कई बार स्त्री को गौण, पुरुष पर निर्भर या…

साक्षात् बैकुंठ : जहाँ भगवान खुद भक्तों से मिलने रथ पर आते हैं

सभी को जय श्री कृष्ण साथियों हम आपको पहले बद्रीनाथ धाम बद्रीनाथ धाम: स्वर्ग का द्वार, जहाँ स्वयं तपस्या करते हैं भगवान उसके बाद द्वारका धाम की महिमा बता चुके हैं द्वारका धाम: श्रीकृष्ण की पावन लीला भूमि एवं मोक्षद्वार इसी…

द्वारका धाम: श्रीकृष्ण की पावन लीला भूमि एवं मोक्षद्वार

द्वारका धाम: श्रीकृष्ण की पावन लीला भूमि एवं मोक्षद्वार कल हमने आपको हिंदू धर्म के प्रमुख चारधामों में से प्रमुख बद्रीनाथ धाम ले चले थे बद्रीनाथ धाम: स्वर्ग का द्वार, जहाँ स्वयं तपस्या करते हैं भगवान तो आज हम आपको लेकर…

बद्रीनाथ धाम: स्वर्ग का द्वार, जहाँ स्वयं तपस्या करते हैं भगवान

हिमालय की गोद में बसा बद्रीनाथ धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि यह वह स्थान है, जहां स्वयं नारायण मोक्ष का आशीर्वाद देते हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित यह धाम भारत के चार धामों में से एक है और सनातन परंपरा का अमर केंद्र माना जाता है।…

दुर्मुखासुर संहारिणी दधिमती माता – साधारण नहीं, जाग्रत दिव्य धाम!

राजस्थान की भूमि केवल वीरों और राजाओं की नहीं, बल्कि ऋषियों की तपोभूमि भी रही है। इसी पुण्य धरा पर स्थित है दधिमती माता मंदिर, जो केवल एक शक्ति स्थल नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति का दिव्य प्रमाण है। यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है और नागौर…

अश्विनी कुमार: दिव्य वैद्य और जीवन शक्ति के अधिष्ठाता

हिंदू धर्म में 33 कोटि देवताओं की अवधारणा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इन 33 देवताओं में 12 आदित्य, 11 रुद्र, 8 वसु और 2 अश्विनी कुमार शामिल हैं। अश्विनी कुमार वे दिव्य जुड़वां देवता हैं, जिन्हें देवताओं के वैद्य, सौंदर्य और आरोग्य के संरक्षक तथा…

द्वादश आदित्य: सूर्य के बारह दिव्य स्वरूप और उनका  रहस्य

सनातन धर्म में सूर्य केवल प्रकाश का स्रोत नहीं, बल्कि जीवन, धर्म और काल-चक्र के नियंत्रक माने गए हैं। वैदिक ग्रंथों में सूर्य के बारह विशिष्ट स्वरूपों का उल्लेख मिलता है, जिन्हें द्वादश आदित्य कहा जाता है। ये आदित्य सृष्टि संचालन में…

ग्यारह रुद्र: शास्त्रोक्त महत्त्व, पूजन विधि और दिव्य मंत्र

हिंदू धर्मशास्त्रों में रुद्र को शिव का उग्र रूप माना गया है, जो संहार और सृजन दोनों के प्रतीक हैं। वेदों, उपनिषदों, पुराणों और तंत्र ग्रंथों में ग्यारह रुद्रों का उल्लेख मिलता है। इनकी उपासना विशेष रूप से शक्ति, आत्मकल्याण और ग्रहों की…

क्या सच में बाबा श्याम आज भी अपने भक्तों के संकट हरते हैं? जानिए उनकी रहस्यमयी शक्ति की…

भारत की पावन भूमि अनगिनत भक्तों और साधकों की आस्था का केंद्र रही है। विभिन्न युगों में अवतरित हुए भगवान के स्वरूपों में से एक हैं खाटू श्याम बाबा, जिन्हें "हारे का सहारा" और "लखदातार" के नाम से भी जाना जाता है। वे कलियुग में भगवान श्रीकृष्ण…